भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- आईआईटी रुड़की के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के 13 छात्रों की टीम ने इंटरनेशनल जेनेटिकली इंजीनियर्ड मशीन- आइजीईएम 2020 प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया है। आइजीईएम में 36 देशों की 249 टीमों ने हिस्सा लिया था। टीम ने प्योमेन्सर नोवेल एंटी माइक्रोबियल ड्रग्स अगेन्स्ट एमडीआर इंफेक्शंस प्रोजेक्ट पर काम किया, जिसका उद्देश्य विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली समस्या एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस से निपटना है। परियोजना के जरिये सीकरसींस नाम के नए एंटीमाइक्रोबियल को डिजाइन करना था, जो अन्य नेचुरल मोलेक्यूल से प्रेरित एक तंत्र के माध्यम से ड्रग-प्रतिरोधी बैक्टीरिया को मारने में सक्षम हो। प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो. रंजना पठानिया ने बताया कि सिथेटिक बायोलॉजी का प्रयोग चिकित्सा समेत कई अन्य क्षेत्रों में भी किया जाता है।
2020-12-05