उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट ने बताया कि पिछले कुछ दिन पूर्व समाचार पत्रों में प्रकाशित एक खबर का आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। जिसमें प्राईवेट लैब और सरकारी लैब में कोरोना पाॅजीटिव रिपोर्ट में अंतर को लेकर गंभीर आरोप लगाये गये है।

उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट ने बताया कि पिछले कुछ दिन पूर्व समाचार पत्रों में प्रकाशित एक खबर का आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। जिसमें प्राईवेट लैब और सरकारी लैब में कोरोना पाॅजीटिव रिपोर्ट में अंतर को लेकर गंभीर आरोप लगाये गये है। प्रशासन द्वारा भी एक ही निजी लैब को लेकर भी सवाल खड़े किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि निजी लैब के द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो यह मानव अधिकारों का उल्लंघन है। क्योकि यदि कोई व्यक्ति पाॅजीटिव आता है तो मरीज व उसके परिवार और सम्पर्क में आये लोगों को कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य हो जाता है। आयोग ने जनहित को देखते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व देहरादून जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के 15 दिन के अंदर इस प्रकरण की जांच और आवश्यक कार्यवाही से आयोग को अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को इस पर फिर से सुनवाई होगी। वहीं, कल रात जारी हैल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमित 493 नए मामले सामने आए। प्रदेश में कुल 38 हजार उनसठ लोग स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 9 हजार 122 एक्टिव मामले हैं। प्रदेश में कुल 591 कोरोना संक्रमित लोगों की मृत्यु हुई है।