मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्मिक एवं सतर्कता विभाग से एक सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पॉलिसी का एक ड्राफ्ट दो सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है। दरअसल ये निर्देश सरकारी अफसर और कर्मचारियों के द्वारा कई बार की गई विवादित पोस्ट या व्हाट्सएप मैसेज की वजह से दिए गये हैं. इस पॉलिसी के तहत सरकारी कर्मचारी और अधिकारी रील्स,संगीत या अन्य कोई ऐसा काम नहीं कर पाएंगे जिससे कर्मचारी नियमावली का उल्लंघन होता है. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी महीने में यह पॉलिसी लागू हो सकती है. कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग को हाल ही में यूपी सरकार द्वारा बनाई गई सोशल मीडिया पॉलिसी का अध्ययन करने की भी सलाह दी गई है। उत्तराखंड में बीते कुछ सालों में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा कुछ विवादित पोस्ट भी की गई है. जिसका संज्ञान अब सरकार ने लिया है.
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सोशल मीडिया पॉलिसी ड्राफ्ट तलब करने की पुष्टि की है। सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी और स्मार्टफोन के इस्तेमाल के बाद से अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर सक्रियता पिछले कुछ वर्षों से बढ़ गई है। कई बार ऐसा हुआ है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी राज्य के मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. इससे कई बार सरकारी कामकाज और कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अब सरकारी चाहती है कि कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एक सोशल मीडिया आचार संहिता बनाई जाए.