उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में बहुमत के साथ जीत का दावा करने वाली कांग्रेस एक बार फिर फेल साबित हुई। खास बात ये है कि कांग्रेस ने प्रदेश में इस चुनाव के जरिए वापसी के लिए कई वादे किये थे, लेकिन जनता ने सभी वादों को नकारते हुए भाजपा को एक बार फिर सत्ता की चाभी सौंपी।
कांग्रेस ने 2 फरवरी को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी किया था। खुद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने देहरादून पहुंचकर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र को जारी किया था। कांग्रेस के इस प्रतिज्ञा पत्र में बिजली, पानी, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई चुनावी मुद्दे शामिल किए। पत्र जारी करते कांग्रेस ने कहा था कि इस घोषणा पत्र को प्रतिज्ञा पत्र इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसका मतलब है कि इसमें लिखी एक-एक बात को पूरा किया जाएगा। लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस के वादों को जनता ने नकार दिया। कांग्रेस ने अपना चुनावी कैंपेन चार धाम, चार काम के नाम से चलाया। वैसे तो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कई अहम बिंदु रखे, लेकिन कांग्रेस ने अपने चार बड़े कामों को ज्यादा प्रोजेक्ट किया है। कांग्रेस ने उत्तराखंड में अपने प्रतिज्ञा पत्र में खासतौर से चार बड़े काम करने का वादा किया। इन चार काम में कांग्रेस ने महंगाई, रोजगार, गरीब परिवारों की मदद और गांव-गांव तक सुविधाओं को पहुंचाने का वादा किया। लेकिन बावजूद इसके उत्तराखंड की सत्ता पर वापसी नहीं कर सकी। नतीजन उत्तराखंड की सत्ता एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा को देने वाली जनता ने भाजपा को एक बार फिर मौका दिया और कांग्रेस के बड़े नेता एक बार फिर अपनी किरकिरी कराते नजर आए।
2022-03-12