राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है. ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई. किस बात को लेकर आंदोलन है? उस पर सब मौन रहे. जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पर राजनीति हावी हो रही है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर अचानक से यू-टर्न ले लिया है. पीएम मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की.
किसान आंदोलन पर पीएम मोदी ने कहा, ”खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है. मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं. वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे.” उन्होंने कहा, ”कृषि सुधारों की बात करने वाले अचानक से पीछे हट गए. पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का? ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है.
मोदी ने कहा, ‘’हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं. कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे. मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी. एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा. इस सदन की पवित्रता समझें हम. जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वो भी लगातार रहेगा.’’
2021-02-09