केंद्र की मोदी सरकार ने अग्निवीरों के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. अग्निपथ योजना को लेकर पिछले काफी दिनों से चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए इस स्कीम में बदलाव किया है. केंद्र ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कांस्टेबलों के 10 प्रतिशत पद भूतपूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित कर दिए हैं. बता दें कि अग्निवीर को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. विपक्षी दल अग्निवीरों को लगातार समान सुविधा देने की मांग करता रहा है. अब गृह मंत्रालय के इस कदम से विपक्षी हमलों की धार को कुंद किया जा सकेगा. केंद्र के इस फैसले से हजारों की तादाद में अग्निवीरों को फायदा होगा. पूर्व अग्निवीरों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की भर्तियों में दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें शारीरीक मानदंड (फिजिकल) में भी छूट दी जाएगी। बीएसएफ और सीआईएसएफ के प्रमुखों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है। यह फैसला केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा लिया गया है। सीआईएसएफ महानिदेशक नीना सिंह और बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने इस बात की जानकारी दी है। यह कदम उन युवाओं को राहत देगा जिन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना के तहत चार साल तक सेना में सेवा दी है. इस योजना के तहत, अग्निपथ योजना के तहत सेवा पूरी करने वाले पूर्व सैनिकों को भर्ती के माध्यम से केंद्रीय बलों में शामिल होने का अवसर मिलेगा. इसके लिए उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) और लिखित परीक्षा (एमईई) या अन्य जरूरी दक्षताएं पूरी करनी होंगी उत्तीर्ण करनी होगी. अग्निपथ योजना में 17 से 21 साल की उम्र के युवाओं को केवल चार सालों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को अगले 15 सालों तक बनाए रखने का प्रावधान है. सरकार ने उसके बाद में ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया.
पूर्व अग्निवीरों को देश के सभी अर्धसैनिक बलों में 10 फीसदी आरक्षण देने पर केंद्र सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है. कुछ महीनों पहले से इस महत्वपूर्ण फैसले को लागू करने पर काम चल रहा है. बतादें कि अर्धसैनिक बलों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, सशस्त्र सीमा बल और असम राइफल शामिल हैं. इन अर्धसैनिक बलों में भी पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फ़ीसदी पद आरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.