कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में अब विवाह सहित धार्मिक, खेल, राजनीतिक समेत अन्य सार्वजनिक आयोजनों में अधिकतम 100 लोग ही शामिल हो सकेंगे। रविवार को जारी एसओपी में यह व्यवस्था की गई है। अभी तक ऐसे कार्यक्रमों में 200 लोगों को शामिल करने की अनुमति थी। वहीं, नाइट कर्फ्यू लगाने का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है।
रविवार को जारी एसओपी में प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों में उपस्थित होने वाले लोगों की संख्या को 100 तक सीमित कर दिया है। दरअसल विवाह समेत कई अन्य आयोजनों के लिए कई लोग पहले ही बुकिंग आदि कर चुके हैं, ऐसे लोगों की असुविधा को देखते हुए सरकार इससे बचने की कोशिश में भी थी। एसओपी के मुताबिक सामाजिक, धार्मिक, खेल, सांस्कृतिक, मनोरंजन आदि आयोजनों में हॉल की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत या अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने की ही अनुमति होगी। वहीं, सिनेमा हॉल और थियेटर की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत के उपयोग की ही अनुमति दी गई है। स्वीमिंग पूल सिर्फ प्रशिक्षण के लिए ही उपयोग में लाए जाएंगे। एसओपी में यह साफ कर दिया गया है कि स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारियों को अधिकार होगा कि वे जरूरत महसूस करने पर नाइट कर्फ्यू लगा सकें। वहीं, कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन बिना राज्य सरकार की अनुमति के लागू नहीं किया जा सकेगा। नाइट कर्फ्यू को लॉकडाउन के दौरान लागू किया गया था और इसका मकसद लोगों के आवागमन को कम करना था। अनलॉक में नाइट कर्फ्यू हटा दिया गया था, अब कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसकी वापसी की आशंका पैदा हो गई थी। राज्य में प्रवेश करने के लिए नई एसओपी में पंजीकरण की व्यवस्था को बरकरार रखा गया है। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आवाजाही के लिए किसी पास या ई पास की जरूरत नहीं होगी। बस स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। प्रदेश सरकार ने अब जांच पर भी अधिक जोर दिया है। एसओपी में जिलाधिकारियों से कहा गया है कि बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, सीमा चैकी, एयरपोर्ट आदि पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करें। बाहर से आने वालों में किसी भी तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो एंटीजन टेस्ट किया जाएगा। पॉजिटिव आने पर संबंधित आदेश का पालन किया जाएगा।
2020-12-01