आजादी के अमृतकाल में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैश्विक महामारी को मात देकर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। खास बात यह है कि ब्रिटेन को पछाड़ कर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। पिछले 10 वर्षों में 11वें पायदान से यहां तक का सफर भारत ने तय किया है। इस लिहाज से भी यह बेहद शानदार और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने वाला क्षण है। आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था 3.18 ट्रिलियन डॉलर की थी, जबकि इस अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 3.19 ट्रिलियन डॉलर का था। इस लिहाज से भारत अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में ब्रिटेन से मामूली रूप से ही पीछे है। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2022 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 3.38 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच पाएगी, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.53 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा। इसकी एक बड़ी वजह है कि पिछले दो साल साल से महामारी और अब वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद भारत दुनिया का सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बनने जा रहा है। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक आजादी के 75वें साल में भारत 7.4 फीसद की दर से विकास करेगा जबकि अमेरिका की विकास दर नकारात्मक बढ़ोतरी ले रही है। ब्रिटेन समेत यूरोप के अन्य देशों में भी मंदी दस्तक दे रही है। इतना ही नहीं, अगले साल यानी कि वित्त वर्ष 2023-24 में भी भारत 6.1 फीसद की बढ़ोतरी के साथ सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बना रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत साल 2021 के आखिरी तीन महीने में ब्रिटेन से आगे निकला। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में भी भारत की ये बढ़त वित्त वर्ष 2022-23 में भी जारी है। भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर रही, जबकि इसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर रही। इस लिहाज से अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी रह गए हैं।
2022-09-05