मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को लेकर एक बड़ा कदम उठाया हैं, धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाने के लिए विधेयक पारित कराया गया। इसमें जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है। उत्तराखंड विधानसभा में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित होने के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इंटरनेट मीडिया में छा गए हैं। गुरुवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्वीटर पर काफी समय तक हैशटैग धर्मरक्षक धामी नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में अब कोई बलपूर्वक अथवा बहला फुसलाकर मतांतरण नहीं करा पाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच ट्वीटर पर भी धर्मरक्षक धामी खूब ट्रेंड हुआ। साधु-संतों की मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं प्राप्त हो रही हैं। इस क्रम में स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि धामी सरकार के इस निर्णय से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। वासुदेवानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह देश एवं समाज के लिए बेहद हितकारक है। स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण कराते हैं वह सबसे बड़े पापी हैं। उत्तराखंड सरकार ने यह विधेयक पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए धामी को साधुवाद। साध्वी प्राची ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में सीएम धामी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। उत्तराखंड सरकार की यह बहुत अच्छी पहल है। बालकानंद महाराज ने कहा कि सीएम समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें। योगाचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि धर्मांतरण पर बना कानून जरूरी और ऐतिहासिक है। स्वामी रविन्द्रपुरी ने कहा कि इस कार्य के लिए पीएम मोदी और सीएम धामी को साधुवाद। यह ऐतिहासिक कदम है। अन्य राज्यों को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए। राज राजेश्वरानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।
प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा सत्र में धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित कराया। अब यह राजभवन से अनुमोदन मिलने के पश्चात यह कानून बन जाएगा। प्रदेश सरकार के इस कदम को हर तरफ समर्थन मिल रहा है।