अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसरो ने भारत का तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ शुक्रवार को लॉन्च कर दिया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया। इस ऐतिहासिक पल के गवाह केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और इसरो के पूर्व चीफ के सिवन भी रहे। इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। इसका मकसद, चंद्रमा की जानकारी जुटाना है। ऐसी खोज करना जिनसे भारत के साथ ही पूरी मानवता को फायदा होगा। इन परीक्षणों और अनुभवों के आधार पर ही भावी चंद्र अभियानों की तैयारी में जरूरी बड़े बदलाव होंगे, ताकि भविष्य के चंद्र अभियानों की नई टेक्नोलॉजी को बनाने और उन्हें तय करने में मदद मिले। भारत दूसरी बार चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चांद पर सफल लैंडिंग करते ही भारत ऐसा करने वाले अमेरिका, रूस और चीन के साथ चौथा देश हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान 3 के सफलतापूर्वक लॉन्च को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने कहा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है. चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षेत्र मेंअग्रणी भूमिका हासिल कर ली है। आज के समय में अमेरिकी भी भारतीय प्रतिभा और अंतरिक्ष यात्रियों को महत्व देते हैं। वास्तव में वे एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे बहुत ही हम सभी को मुझे बहुत गर्व है कि हम सभी ने इतिहास बनते हुए देखा और मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं। इस मिशन में शामिल इसरो की पूरी टीम को बधाई देना चाहता हूं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सराकर के 9 साल के कार्यकाल में अब हम केवल रॉकेट लॉन्च करने तक ही सीमित नहीं हैं… दुनिया अब नेतृत्व करने के लिए हमारी ओर देख रही है, पहले दुनिया हमें इस तरह नहीं देखती थी।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो। फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा पता लगाया। तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की। मैं इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।