कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा हैं राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी है. ‘मोदी सरनेम’ मामले में टिप्पणी को लेकर सूरत कोर्ट की ओर से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद यह फैसला हुआ है. आर्टिकल 102(1)(e) के तहत यह फैसला किया गया है. गुरुवार (23 मार्च) को सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में उनको दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी और 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. अदालत के सजा सुनाए जाने के बाद से ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर खतरे में आ गई थी. जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक समय के लिए कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषसिद्धि की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा.
2019 में की राहुल गांधी ने कथित टिप्पणी
वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह मोदी उपनाम को लेकर कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी. राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे. वह पहली बार 2004 में अमेठी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे और 2019 तक वह वहां पर सांसद रहे थे. 2019 के लोकसभा चुनावों में वह केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी के हाथों अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने वायनाड से चुनाव जीत कर अपनी संसद सदस्यता बरकरार रखी थी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, बीजेपी ने उन्हें अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए. वो जो भी सच बोल रहे हैं उनको अपने पास नहीं रखना चाहते हैं लेकिन हम सच बोलते रहेंगे. हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र को बचाने के लिए जेल जाएंगे.
दरअसल, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सज़ा सुनाई जाती है, वह संसद सदस्य रहने के लिए अयोग्य हो जाता है.राहुल गांधी को दो साल की सजा मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को ही कहा था कि राहुल दो साल की जेल की सजा के साथ एक सांसद के रूप में स्वत: अयोग्य हो जाते हैं हालांकि यह सजा अपने आप में “विचित्र” है.मशहूर वकील तथा BJP के सांसद महेश जेठमलानी ने भी कहा, “कानून के मुताबिक वह अयोग्य हैं, लेकिन इस फैसले की जानकारी स्पीकर को दी जानी होगी… लेकिन आज की तारीख में वह अयोग्य हैं…”