मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ वन भूमि हस्तान्तरण की समीक्षा बैठक ली। उन्हांेने कहा कि वन भूमि हस्तारन्तरण के मामलों को सम्बन्धित विभाग आपस में समन्वय बनाते हुये शीघ्र निस्तांरण करें। उन्होने जिलाधिकारी, डीएफओ, कमीश्नर, वन संरक्षक व शासन स्तर पर सचिव को वन भूमि के हस्तांतरण सम्बन्धित मामलों की अपने-अपने स्तर पर समीक्षा बैठक कर निस्तान्तरण करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जिन अधिकारियों के स्तर पर वन भूमि के लम्बित मामले है उन अधिकारियों को चिन्हित कर जिलाधिकारी अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि जो सडक निर्माण के कार्य वन भूमि हस्तांतरण के कारण लम्बित है उन्हे शीघ्र निस्तरण कर सडक निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जाये।
जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने अवगत कराया कि वन भूमि हस्तांतरण के मामलो में पुलिस विभाग का एक प्रकरण डीएफओ स्तर पर, खेल विभाग का एक प्रकरण भारत सरकार स्तर पर, एक समाज कल्याण का प्रकरण नोडल से आपत्ति लगी है जो एक दो दिन में निराकरण कर लिया जायेगा, एक प्रकरण लोनिवि का है जो संयुक्त निरीक्षण प्रक्रिया में है, नगर पंचायत शक्तिगढ का एक प्रकरण नोडल स्तर पर लम्बित एवं एक प्रकरण पीडी एनएच का है जो द्वितीय स्टेज पर है व दो लीज के प्रकरण है एक सैनिक पूनर्वास का प्रकरण डीएफओ स्तर पर और एक सीमैक्स का प्रकरण सीएफ व सीसीएफ स्तर पर लम्बित है। उन्होने बताया कि एनएच के जो भी प्रकरण है उन सभी में स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी उत्तम सिंह चैहान, एएसपी मिथलेश सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्या, जिला समाज कल्याण अधिकारी किशोर कुमार, जिला युवा कल्याण अधिकारी मोहन सिंह नगन्याल, जिला क्रीडा अधिकारी रशिका सिद्दकी सहित वन विभाग, लोनिवि के अधिकारी उपस्थित थे।