मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज सचिवालय परिसर में संस्कृत अकादमी उत्तराखण्ड की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में निर्णय लिया गया कि संस्कृत अकादमी का नाम ‘उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम् हरिद्वार, उत्तराखण्ड’ होगा। भाषाओं की जननी संस्कृत को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है, जिससे हमारी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के साथ ही संस्कृत भाषा के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ सके। पहले जनपद एवं उसके बाद ब्लॉक स्तर पर संस्कृत ग्राम बनाये जाने के निर्देश दिए। संस्कृत के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वालों एवं पाण्डुलिपियों के संरक्षण के लिए बजट का प्राविधान किया जायेगा साथ ही डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जायेगी।
2020-09-08