मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को कृषि अवसंरचनात्मक कोष की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को इस योजना को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए पैक्स के मजबूतीकरण और जीवंत बनाने के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों को प्राथमिकता पर रखा जाए। अच्छा काम कर रहे पैक्स को कुछ न कुछ इंसेंटिव दिया जाए ताकि वे और अच्छा करने को प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि पैक्स के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल भी विकसित किया जाए। इसके लिए पोर्टल तैयार किया जाए। साथ ही ऑफलाइन पेनड्राइव आदि के माध्यम से सभी प्रकार की ट्रेनिंग मैटेरियल उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के लिए नाबार्ड द्वारा पूर्व से स्वीकृत 785 करोड़ रुपए प्रयोग करने हेतु शीघ्र प्रस्ताव तैयार किए जाएं। साथ ही नाबार्ड के माध्यम इस योजना में 2000 करोड़ रुपए तक का 1 प्रतिशत पर लोन लिया जा सकता है। इससे अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए।
इसके उपरांत मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग के तहत् विभिन्न फर्टिलाइजर्स, मिनी बैंक और कृषि गतिविधियों के लिए निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी ऑडिट की व्यवस्था भी इसके लिए सुनिश्चित की जाए। साथ ही इसमें भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कॉपरेटिव सोसायटी और बैंकों में जिला स्तरीय अधिकारियों को भी शामिल किया जाए। सहकारी क्षेत्र में डाटा सेंटर अलग से तैयार करने के बजाय राज्य सरकार के डाटा सेंटर को ही प्रयोग किया जाए।
इस अवसर पर सचिव श्री बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।