वक्त बदल गया है भारत भ्रष्टाचार से लड़ना, गरीबाें के लिए संवेदनशील होना तथा देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए जाना जाता है – पीएम मोदी

शिमलामें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित गरीब कल्याण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले भारत भ्रष्टाचार, घोटाले, भाई-भतीजावाद और अफसरशाही के लिए दुनिया में जाना जाता था, लेकिन अब वक्त बदल गया है और यह देश भ्रष्टाचार से लड़ना, गरीबाें के लिए संवेदनशील होना तथा देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए जाना जाता है। दुनिया में अब भारत की चर्चा अपराध पर नकेल कसने और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने के लिए की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय घुटने टेकने के लिए जाना जाता था, पिछले आठ वर्ष के दौरान देश का आत्मविश्वास बढ़ा है और सरकार की योजनाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के शत-प्रतिशत गरीबों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में देश के जन-धन खाते से घरों में गैस की सहूलियत, सम्मान से जीने के शौचालय, स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आयुष्मान भारत योजना और देश की सुरक्षा के लिए एयर स्ट्राइक को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज देश की सीमाएं ज्यादा सुरक्षित हैं और भेदभाव का शिकार रहा देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र देश से जुड़ गया है। सरकार अब माई-बाप नहीं बल्कि जनता जर्नादन की सेवक है। सरकार लोगों के जीवन में दखल नहीं दे रही है और उसे आसान बना रही है। मोदी ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि पहले यह मान लिया गया था कि यह समस्या स्थायी है लेकिन उनकी सरकार ने तकनीक के माध्यम से भ्रष्टाचार को कम किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना के तहत 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा लोगों के बैंक खाते में भेजे जा चुके हैं। तीन करोड़ लोगों को पक्के मकान दिए गए हैं और 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपए तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में दशकों तक वोट बैंक की राजनीति की गयी जिससे भारी नुकसान हुआ है। अब हम देश के नवनिर्माण के लिए सबके साथ, सबके प्रयास और सबके विश्वास की भावना से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया से आंख झुकाकर नहीं आंख मिलाकर बात करता है, मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता, अब भारत दुनिया को मदद करने के लिए हाथ बढ़ाता है। काेरोना संकट के दौरान 150 देशों को दवाएं और किट उपलब्ध करायी गयी हैं।