उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले भाजपा को योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पद से इस्तीफा देकर करारा झटका दिया है। साथ वह अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही वह सपा छोड़कर भाजपा में आए थे। इससे पहले वह बीएसपी की मायावती सरकार में मंत्री भी रहे थे और फिर मायावती को छोड़कर सपा में आए थे।
स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने की जानकारी खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी है। अखिलेश यादव ने लिखा, ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।’
मौर्य ने एक बार फिर अपना राजनितिक घर बदलते हुए ट्विटर पर लिखा कि दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु व मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर अपेक्षा की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है। मौर्य सरकार में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री थे।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने लेटर में इस्तीफे की वजह बताते हुए यह भी कहा कि वह विपरीत परिस्थिति और विचारधारा में काम कर रहे थे। उन्होंने लिखा, ”विपरीत परिस्थितितियों और विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया। लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।”