संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले आज यहां सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में कहा कि सांसदों की तरफ से उन्हें यहां बहुमूल्य सुझाव प्राप्त हुए हैं और दोनों सदनों में सार्थक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सुझावों को सामूहिक रूप से लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र की हमारी परम्पराओं के तहत, जनता से जुड़े मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से उठाया जाना चाहिए और सरकार को इन चर्चाओं पर प्रतिक्रिया देने का अवसर दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अनुकूल वातावरण तैयार करना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि वास्तव में जमीनी हालात को अच्छी तरह से जानते हैं, और इसीलिए चर्चाओं में उनकी भागीदारी से फैसले लेने की प्रक्रिया समृद्ध होती है। श्री मोदी ने कहा कि ज्यादातर सांसदों का टीकाकरण हो चुका है और उम्मीद है कि इससे आत्मविश्वास के साथ संसद की गतिविधियों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने संसद में स्वस्थ विचार-विमर्श का आह्वान किया और सभी दलों के नेताओं से सहयोग की मांग की। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सत्र सुचारू रूप से चलेगा और अपना काम पूरा करेगा। उन्होंने कोविड-19 महामारी के चलते जान गंवाने वालों के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
बैठक में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने भाग लिया। इसके अलावा बैठक में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और श्री वी. मुरलीधरन भी उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत में श्री जोशी ने कहा कि सरकार नियमों के तहत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन के सुचारू संचालन में सभी दलों से पूर्ण सहयोग की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सदन में सभी मुद्दों पर एक व्यवस्थित चर्चा होनी चाहिए। श्री जोशी ने बताया कि संसद का मानसून सत्र, 2021 सोमवार, 19 जुलाई से शुरू होगा और 13 अगस्त तक जारी रहेगा। सत्र की 19 बैठकों के दौरान, 31 सरकारी विषय (29 विधेयक और 2 वित्तीय विषयों सहित) सामने रखे जाएंगे। छह विधेयक अध्यादेशों की जगह लेंगे।