सोमवार से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया हैं, इस मौके पर पीएम मोदी ने संसद के विशेष सत्र में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने लोकसभा को संबोधित किया और अपनी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी. पीएम मोदी ने इस दौरान संसदीय यात्रा की शुरुआत, उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और उनसे मिली सीख के मुद्दे पर बोलते हुए संसद से जुड़ी यादें साझा कीं। इतना ही नहीं पीएम ने पुराने संसद भवन की कई यादों के अलावा इसमें पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान के बारे में भी बात की। पीएम मोदी ने इस दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार तक के जरिए उठाए गए कदमों की तारीफ भी की. पीएम मोदी ने पंडित नेहरू को याद करते हुए कहा, “नेहरूजी का इसी सदन में दिया गया ‘एट द स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट’ भाषण हम सबको प्रेरित करता रहेगा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के उस ऐतिहासिक भाषण की लाइनें भी दोहराईं, जिसमें उन्होंने कहा-सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी. लेकिन ये देश रहना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा, देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा इसका एक बार पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का यह अवसर है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आजादी के बाद इसे संसद भवन के रूप में पहचान मिली. उन्होंने कहा, इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है. उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है.