सीएम धामी ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की समीक्षा के साथ गुल्लर डोगी परियोजना के तहत बनाई जा रही टनल का स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रेल विकास निगम के अधिकारियों के साथ ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन स्थित रेल विकास निगम के कार्यालय में परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभी तक बेहतर समन्वय से काम किया जा रहा है। आगे भी इसे बनाए रखने की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की उत्तराखण्ड को बड़ी देन है। वह समय दूर नहीं, जब पहाड़ में रेल का सपना पूरा होगा। इससे राज्य की आर्थिकी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। 

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के मुख्य परियोजना प्रबंधक श्री हिमांशु बडोनी ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मार्च 2024 तक परियोजना को पूर्ण किए जाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है। अभी तक परियोजना में अपेक्षानुरूप गति से काम हुआ है। ऋषिकेश के बाद परियोजना मुख्यतः अंडरग्राउंड है। भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। इस रेल लाईन पर 12 स्टेशन और 17 टनल बनाये जा रहे हैं। काम निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके, इसके लिए विभिन्न स्थानों पर एक साथ काम चल रहा है। एप्रोच रोड़ पहले ही बनाई जा रही हैं। रेल परियोजना के निर्माण में राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है।

श्री बडोनी ने बताया कि रेल विकास निगम द्वारा अनेक जनकल्याणकारी काम किए जा रहे हैं। श्रीनगर में 52 बेड का संयुक्त चिकित्सालय बनाया जा रहा है। ऑक्सीजन प्लांट भी बनाए गए हैं। रेल परियोजना की बेल्ट को हॉर्टिकल्चर और हनी बेल्ट के रूप में विकसित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है।

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री रंजीत सिन्हा, रेल विकास निगम के अपर महाप्रबंधक श्री विजय डंगवाल, वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी, अपर महाप्रबंधक सुमित जैन, अन्य अधिकारी उपस्थित थे।   

मुख्यमंत्री ने योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और गुल्लर डोगी, टिहरी में परियोजना के तहत बनाई जा रही टनल का स्थलीय निरीक्षण भी किया।