राज्य कैबिनेट की बैठक में चारधाम यात्रा एक जुलाई से सीमित संख्या के साथ खोलने पर फैसला लिया गया। यह यात्रा स्थानीय जनपद वासियों के लिए खोली जाएगी। चारों धामों के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। कोविड निगेटिव रिपार्ट यात्रा के लिए अनिवार्य होगी। तीर्थ पुरोहितों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
सीएम तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में भागीरथी और अलकनंदा नदी के किनारे के तटों को बाढ़ मैदान परिक्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया गया। कोविड की दूसरी लहर के बाद कंपनियों में काम करने वाले श्रमिकों के ओवर टाइम करने पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। श्रमिकों से हफ्ते में 6 दिन ही काम करवाया जाएगा। सेलाकुई में ऑक्सीजन प्लांट में बिजली की समस्या को देखते हुए अंडर ग्राउंड बिजली लाइन बिछाने को मंजूरी दी गई। शाम पांच बजे सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में मंत्रीमंडल ने नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदेश को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान दो मिनट का मौन रखा गया। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिनेट में लिए गए निर्णयों की जनाकारी दी। उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा सीमित संख्या के साथ 1 जुलाई से खुलेगी। यात्रा स्थानीय जनपद वासियों के लिए खोली जाएगी। पहले यह यात्रा श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के साथ तीन जिलों चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले के लिए ही शुरू की जाएगी। साथ ही कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य होगी। वहीं, चारों धामों पर एक-एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती होगी। जल्द ही चारधाम यात्रा को लेकर एसओपी जारी की जाएगी। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 10 फैसले किए गए हैं। चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिये देवस्थानम बोर्ड और जिला प्रशासन से समन्वय करने के लिये वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती की जाएगी। ये अधिकारी कोविड से संबंधित एसओपी को लागू करने के लिए निगरानी का काम करेंगे। सभी तीर्थ पुरोहितों को वैक्सीन लगाई जाएगी। एक जुलाई से चमोली में बद्रीनाथ, रूद्रप्रयाग में केदारनाथ और उत्तरकाशी में गंगोत्री-यमुनोत्री दर्शन की स्थानीय लोगों को अनुमति होगी। दर्शन के लिए आरटीपीसीआर अथवा रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपेार्ट होना अनिवार्य होगा।
टिहरी, उत्तरकाशी एवं चमोली के बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अधिसूचना जारी की जाएगी। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कारखानों में ओवरटाईम की छूट दी गई। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली 2021 लागू करने का निर्णय लिया गया।