मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री, रेलवे, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी श्री अश्विनी वैष्णव जी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड से संबंधित विभिन्न रेल परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने रूड़की देवबन्द परियोजना में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्तमान तक दिये गये रू0 296.67 करोड़ की धनराशि के अंशदान को पर्याप्त मानते हुए परियोजना के अवशेष कार्यों का वित्त पोषण रेल मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा किये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जनपदों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाईन का नैरोगेज की बजाय ब्राडगेज लाईन का सर्वे किया जाए। मुख्यमंत्री ने इसके फाईनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति के साथ ही ऋषिकेश- उत्तरकाशी रेल लाईन निर्माण की स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने हरिद्वार- देहरादून रेलवे लाईन का दोहरीकरण के लिए 1024 करोङ रूपए की डीपीआर के साथ ही डोईवाला से ऋषिकेश हेतु सीधी रेल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रायवाला रेलवे स्टेशन पर डायवर्जन लाईन का निर्माण को जल्द स्वीकृति देने का भी आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने अपने अधिकारियों को इन दोनों प्रस्तावों पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन प्रधानमंत्री जी की उत्तराखण्ड को बङी देन है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन हेतु तैयार किये जा रहे अवस्थापना सुविधाओं के सृजन में ही सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता के निर्माण की सम्भावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने धामपुर काशीपुर (वाया जसपुर) रेल लाईन के निर्माण और दिल्ली से रामनगर के लिये कॉर्बेट इको-एक्सप्रेस की जल्द स्वीकृति का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने भारत नेट फेज 02 की सैद्धान्तिक मंजूरी दिये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए उत्तराखण्ड में “स्टेट लेड“ मॉडल के अन्तर्गत, भारत नेट फेज-02 परियोजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति शीघ्रातिशीघ्र जारी करवाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड में प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री रणजीत सिंहा भी उपस्थित थे।