बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर उनियाल की टिप्पणी को लेकर आम आदमी पार्टी हमलावर है। इसी कड़ी में कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें राजभवन तिराहे के पास रोक दिया। इससे नाराज प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गए और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने आप कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बिजली मुफ्त मिल रही है तो ऐसे में प्रदेश की जनता को भी मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए। जो उनका अधिकार है। जब आम आदमी पार्टी ने प्रदेशवासियों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली की गारंटी दी है तो बीजेपी के नेता जनता के ऊपर आपत्तिजनक बयानबाजी कर रहे हैं। आप कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से यह पूछने जा रहे थे कि क्या आपको बिजली मुफ्त मिलती है? यदि मुख्यमंत्री और मंत्रियों को फ्री बिजली मुहैया होती है तो प्रदेशवासियों को इस अधिकार से क्यों वंचित रखा जा रहा है? वहीं, प्रदर्शनकारियों को पुलिस हिरासत में लेकर गई है। गौर हो कि बीते दिनों आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। वीडियो में उमा एक डिजिटल चैनल पर हो रही चर्चा के दौरान उत्तराखंड की जनता के लिए अपमानजनक शब्द का प्रयोग कर रही हैं।
इस बयान के बाद उमा की चैतरफा निंदा हुई। इतना ही नहीं बीजेपी ने आप की नब्ज पकड़कर घेरने का प्रयास भी किया। वहीं, विरोध के बीच उमा सिसोदिया को अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी। उधर, बीजेपी के नेता भी आपत्तिजनक टिप्पणी करने से नहीं चूके। जिसे लेकर आप कार्यकर्ताओं में उबाल है।आम आदमी पार्टी ने बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर उनियाल पर आप के मुफ्त बिजली के मुद्दे पर एक मीडिया पैनल चर्चा के दौरान उत्तराखंड की जनता का अपमान करने का आरोप लगाया है। उनका बयान सामने आते ही आम आदमी पार्टी उसे मुद्दा बनाकर भुनाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। बीजेपी प्रवक्ता के बयान को लेकर आम आदमी पार्टी ने सभी विधानसभा सीटों में प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया था। उधर, बीजेपी ने भी आप के खिलाफ देहरादून एसएसपी को तहरीर सौंपी। जिसमें बीजेपी ने आरोप लगाया कि आप ने प्रभाकर उनियाल के बयान को एडिट कर दुष्प्रचारित करने का काम किया है।
प्रदर्शन करने वालों में कर्नल अजय कोठियाल, उपमा अग्रवाल, सुधा पटवाल समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे