बजट सत्र का गैरसैंण न होना सरकार की ईमानदारी पर सवालिया निशान उठाता हैं, सरकार की पहाड़ परख सोच का दिवालियापन – यु के डी

यूकेडी के पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बजट सत्र जो 7 अप्रैल से गेैरसैण में होना था, वह अब 14 जून से देहरादून में होगा। बजट सत्र का गैरसैंण न होना सरकार की ईमानदारी पर सवालिया निशान उठाता हैं, सरकार की पहाड़ परख सोच का दिवालियापन हैं। पिछली सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन बनायीं थी, जो अब भाजपानित की ही सरकार अब गैरसैंण का केवल नाम लेकर औपचारिकता कर रही हैं। जबकि उत्तराखंड क्रांति दल गैरसैण को स्थायी राजधानी को लेकर लगातार राज्य बनने के बाद मांग करती आयी हैं। सन 1992 में उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा गैरसैण को वीर चंद सिंह गढ़वाली के नाम चंद्रनगर गैरसैण रखा था। गैरसैण में पेशावर काण्ड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा लगाकर गैरसैण को राज्य की राजधानी माना, यही नहीं उत्तराखंड आंदोलन में गैरसैण राज्य का केंद्र बिंदु रहा और गैरसैंण राज्य आंदोलन की भावनाओं का केंद्र बना। वर्तमान सरकार की मंशा व इच्छाशक्ति स्थायी राजधानी बनाने की कही दिखायी नहीं देता। दल ने राज्य की लड़ाई लड़ी राज्य बना, अब गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाने का संकल्प जो कि शहीदों का स्वप्ना व आंदोलनकरियों कि भावना हैं, उसे पूरा किया जायेगा। दल सरकार से इसी सत्र में गैरसैण को पूर्णकालीन राजधानी की मांग करता हैं।