देश की तीनों सेनाओं में भर्ती किए जाने वाले अग्निवीरों को 4 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में नियुक्ति मिल सकेगी। होम मिनिस्टर अमित शाह ने यह ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को सेना से सेवामुक्ति के बाद रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्हें अर्धसैनिक बलों एवं असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सेना की नई शॉर्ट टर्म रिक्रूटमेंट पॉलिसी के तहत भर्ती हुए अग्निवीरों को सेवा समाप्ति के बाद अर्ध सैनिक बलों और असम राइफल्स की नौकरी में प्राथमिकता की दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना विजनरी स्कीम है और पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से स्वागत योग्य फैसला है। इससे देश के युवाओं को उज्ज्वल भविष्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी संदर्भ में होम मिनिस्ट्री ने फैसला लिया है कि अग्निवीरोों को अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में प्राथमिकता दी जाए।
अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती हुए अग्निवीर ऑफिसर रैंक से नीचे के सैन्यकर्मी होंगे। इन्हें 4 साल के लिए नियुक्ति मिलेगी और 11 लाख की एकमुश्त राशि के साथ सेवामुक्त किया जाएगा। इन लोगों में से भी करीब 25 फीसदी सैनिकों को स्क्रीनिंग के एक और राउंड में पास होने के बाद आगे की सेवा के लिए रखा जाएगा। अग्निवीरों के लिए अलग ही पद नाम होगा। इसके अलावा उनकी वर्दी पर एक अलग ही प्रतीक चिह्न अंकित होगा। बता दें कि मंगलवार को डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह एवं तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इस स्कीम का ऐलान किया था।