शराब तस्करी को देखते हुए सरकार ने कैबिनेट बैठक में प्रदेश की आबकारी नीति मंजूरी दी, अब सस्ती होगी शराब सस्ती।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव डाॅ. एसएस संधू ने बताया कि बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 की नई आबकारी नीति, एकल आवासीय भवन योजना में संशोधन और गौला व नंधौर समेत अन्य स्थानों पर संचालित हो रहे व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस फीस पुरानी दरों पर ही रखने के शासनादेश को कैबिनेट के समक्ष रखा गया। तीनों विषयों पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश की आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी मिल गई। जिसके बाद अब प्रदेश में देशी-विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में शराब तस्करी को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रदेश में नई आबकारी नीति एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। प्रदेश की नई आबकारी नीति में कई नए प्रविधान किए गए हैं। इसके अंतर्गत उत्तराखंड में शराब की कीमतें अब उत्तर प्रदेश के समतुल्य ही रहेंगी। शराब के ब्रांड की कीमतों पर उत्तर प्रदेश के मुकाबले 20 रुपये से अधिक का अंतर नहीं रहेगा। इससे शराब की तस्करी पर अंकुश लग सकेगा।

पढ़ें क्या हुए फैसले

आबकारी नीति को मंजूरी

  • यूपी के मुकाबले प्रदेश में शराब केवल 20 रुपये महंगी रखी जाएगी। इस निर्णय से प्रदेश में शराब के दामों में 100 से 300 रुपये तक प्रति बोतल की कमी आ जाएगी।
  • प्रति बोतल तीन रुपये महिला कल्याण, युवा कल्याण व खेल विभाग और गौवंश संरक्षण के लिए बतौर सेस वसूला जाएगा। यानी हर विभाग को प्रति बोतल शराब की बिक्री पर एक रुपया मिलेगा। एक अनुमान के अनुसार, चार से पांच लाख बोतल शराब प्रतिदिन बिकती है। इस हिसाब से प्रत्येक विभाग को हर महीने एक से डेढ़ करोड़ राजस्व मिलने की उम्मीद है।
  • कैबिनेट ने नई दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। शराब को सस्ती करने के लिए मिनिमम गारंटी ड्यूटी (एमजीडी) में कमी का निर्णय लिया गया है। वहीं, नीति के तहत सरकार ने आबकारी विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए चार हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया है। इस साल का लक्ष्य 3600 करोड़ रुपये का है।

नक्शे पास कराने की प्रक्रिया आसान

  • उत्तराखंड में एकल आवास के नक्शे पास कराने की प्रक्रिया आसान हुई।
  • नक्शे के लिए एफिडेविट के साथ कर सकते हैं आवेदन।
  • सात दिन के भीतर अगर प्राधिकरण ने आपत्ति ना लगाई तो शुरू कर सकते हैं भवन निर्माण।

वाहनों का फिटनेस शुल्क

  • इसके तहत एक साल तक वाहनों की फिटनेस के लिए पुराना शुल्क लिया जाएगा।
  • एक साल बाद वाहनों की फिटनेस के लिए नया शुल्क लागू होगा।

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