सितम्बर माह को “राष्ट्रीय पोषण माह” के रूप मे मनाया जाता है।

बच्चे देश की धरोहर हैं। स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब हमारे बच्चे स्वस्थ हों। एक वर्ष पूर्व हमने बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर निकालने की मुहिम शुरू की थी। इसमें अति कुपोषित बच्चों को जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और समाज के गणमान्य नागरिकों द्वारा गोद लिया गया था। मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी है कि इन गोद लिये बच्चों के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है।

सितम्बर माह को “राष्ट्रीय पोषण माह” के रूप मे मनाया जाता है। मेरा समाज के सभी जागरूक नागरिकों से अनुरोध है कि गरीब परिवारों के बच्चों के जीवन से कुपोषण के अंधेरे को दूर कर उनके जीवन में खुशियाँ लाने के पुनीत कार्य में सहभागी बनें।

बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए हर साल सितंबर में पोषण माह आयोजित होता है। इस वर्ष उच्च पोषण क्षमता वाले स्थानीय अनाजों व दालों को प्रोत्साहित करने हेतु #Local4Poshan का संकल्प लिया गया है। उत्तराखंड में पहले से ही भट्ट, गहथ, मंडुआ,जौ,चौलाई आदि उच्च पोषण क्षमता वाले अनाजों व दालों से बने उत्पाद कुपोषित बच्चों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम को ‘अम्मा की स्मृतियों से’ नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर खाद्यान्नों से बनने वाले परंपरागत व्यंजनों को बनाने की तकनीक को नई पीढ़ियों तक हस्तांतरित करने के साथ ही इन व्यंजनों की पौष्टिकता के बारे में जागरूक करना भी है।
#POSHANMaah2020

सही पोषण, देश रोशन

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत