हरिद्वार, 18 अप्रैल — 2027 में होने वाला कुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक महोत्सव है जो करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में एक अहम बैठक हुई, जिसमें कुंभ 2027 की तैयारियों का विस्तृत जायज़ा लिया गया।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग तुरंत अपनी योजना और प्रस्ताव तैयार करें।
जिलाधिकारी हरिद्वार को भी कहा गया कि वह विभागीय समन्वय के लिए शीघ्र बैठक आयोजित करें।
⚡ तेज़ी से कदम उठाने के निर्देश: 7 दिन में दिखे बदलाव
बैठक का सबसे अहम बिंदु रहा—गति! मुख्य सचिव ने साफ कहा कि अगले सात दिनों के भीतर सभी कार्यदायी विभागों को अपने-अपने नोडल अधिकारी नामित करने होंगे।
इसके साथ ही, आवश्यक पदों का सृजन भी इसी समय सीमा में पूरा किया जाए।
समितियों और उप-समितियों के गठन की बात भी आई, जिसे सात दिनों के भीतर निपटाने को कहा गया है।
30 अप्रैल तक भारत सरकार को प्रस्ताव और आंकलन भेजने के निर्देश भी दिए गए।
👣शाही स्नान वाले दिन की भीड़ को संभालना बड़ी चुनौती
शाही स्नान जैसे पवित्र अवसरों पर लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए, मुख्य सचिव ने क्राउड मैनेजमेंट और ट्रैफिक प्लानिंग को प्राथमिकता दी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बढ़ती कनेक्टिविटी के चलते आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या में और इज़ाफा होगा।
इसी के अनुरूप पार्किंग, ट्रैफिक मूवमेंट और प्रवेश-निकास की योजनाएं तैयार करने को कहा गया है।
विशेषज्ञों से भी आंकलन करवा कर योजनाएं बनाए जाने के निर्देश दिए गए।
पुराने पार्किंग स्थलों की क्षमता बढ़ाने और नए स्थल चिन्हित करने पर भी विशेष ज़ोर दिया गया।
🎭 हरिद्वार को मिलेगा सांस्कृतिक नया रंग
कुंभ सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।
इसी सोच के साथ, मुख्य सचिव ने हरिद्वार क्षेत्र में स्थायी प्रकृति के कार्यों पर ध्यान देने को कहा।
दीर्घकालिक योजना के तहत ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के निर्देश दिए गए,
जिससे यह क्षेत्र सिर्फ कुंभ के समय नहीं बल्कि सालभर धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से सराबोर रहे।
इसके अलावा, अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए गए।
🛠️जरूरी कार्य पहले से तैयार हों, ताकि देरी ना हो
मुख्य सचिव ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जिन कार्यों को हर हाल में किया जाना है,
उनकी सूची तैयार की जाए और तत्काल शुरू किए जाने योग्य कार्यों की डीपीआर सहित अन्य तैयारियां भी पहले से ही पूरी हों।
इससे जैसे ही स्वीकृति मिले, काम तुरंत शुरू किया जा सके।
👥 बैठक में कौन-कौन थे शामिल?
इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री नीतेश झा, श्रीमती राधिका झा, डॉ. पंकज
कुमार पाण्डेय, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री आर. राजेश कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार श्री कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी पौड़ी श्री आशीष चौहान,
जिलाधिकारी टिहरी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।