देहरादून: आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड में योग को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा
में बड़ी तैयारी शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विशेष अवसर को जनभागीदारी से भव्य बनाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा कि “योग सिर्फ परंपरा नहीं, यह आज की जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुका है।
इसे गांव के आखिरी छोर तक पहुंचाया जाए।”
मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि ग्राम स्तर तक योग अभियान चलाया जाए,
और विद्यालयों व महाविद्यालयों में विशेष योग शिविर आयोजित किए जाएं।
योग को केवल शारीरिक गतिविधि न मानकर एक रोजगार के अवसर के रूप में भी देखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग की ताकत को समझते हुए राज्य में योग और आयुष मेलों, हरित योग,
और वृक्षारोपण अभियान जैसे कार्यक्रमों को जोर-शोर से चलाया जाए।
साथ ही, डिजिटल माध्यमों से योग का प्रचार-प्रसार किया जाए, और योग जागरूकता फैलाने वालों को सम्मानित भी किया जाए।
छात्रों को जोड़ने के लिए योग पर आधारित निबंध, भाषण, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा,
ताकि नई पीढ़ी भी इसकी गहराई को समझ सके।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मातृशक्ति को योग से जोड़ने पर बल दिया और कहा कि
महिलाओं की भागीदारी इस अभियान को और मजबूत करेगी।
धामी ने कहा, “उत्तराखंड, योग की पवित्र भूमि है – यहीं से पूरे विश्व में योग का संदेश गया है।
इसलिए यहां के योग कार्यक्रमों की अपनी अलग पहचान होनी चाहिए।”
उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्वतीय क्षेत्रों में भी योग कार्यक्रम
आयोजित किए जाएं और योग का आध्यात्मिक रूप भी सामने लाया जाए।
इस समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु,
और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सभी विभागों को मिलकर इस अभियान को सफल बनाने के लिए समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।