राज्य के तकनीकी शिक्षा को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने

मंगलवार को सचिवालय में एक अहम समीक्षा बैठक की।

इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि उत्तराखंड के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में

तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती की जाए और मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से दुरुस्त की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा तभी आत्मनिर्भर बन पाएंगे जब उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,

आधुनिक लैब्स और उद्योगों की मांग के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।

इसके लिए जरूरी है कि कॉलेजों में हॉस्टल, बाउंड्री वॉल और बेहतर सड़क कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं समय पर पूरी हों।

📌 सीएम धामी ने फैकल्टी भर्तियों में ढिलाई और छात्र पंजीकरण की कमी पर गहरी नाराजगी जताई।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी ट्रेड में अप-टू-डेट पाठ्यक्रम और नई तकनीकों को शामिल किया जाए,

ताकि स्टूडेंट्स को कॉलेज से ही अच्छे प्लेसमेंट के मौके मिल सकें।

🛑 पिथौरागढ़ के मड़धूरा में नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान के लिए तैयार किए गए भवन में अब तक कक्षाएं शुरू न होने पर मुख्यमंत्री

ने कड़ा रुख अपनाया।

लगभग 15 करोड़ की लागत से बना यह भवन आज भी खाली पड़ा है,

जबकि कॉलेज अभी भी जीआईसी की बिल्डिंग से संचालित हो रहा है।

सीएम ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं

– खासकर यह पता लगाने के लिए कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद वह भवन उपयोग में क्यों नहीं लाया गया।

🔍 इसके अलावा, घुड़दौड़ी स्थित जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में भर्ती,

प्रमोशन और प्रशासनिक गड़बड़ियों पर SIT गठित करने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पहलुओं की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाएगी।

इस महत्वपूर्ण बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर,

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा,

तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव स्वाति भदौरिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और संस्थानों के निदेशक मौजूद रहे।