प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उतार-चढाव के बावजूद आर्थिक सुधारों की रफ्तार पर प्रसन्नता व्यक्त की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उतार-चढाव के बावजूद आर्थिक सुधारों की रफ्तार पर प्रसन्नता व्यक्त की है। आज नई दिल्ली में भारतीय उद्योग और वाणिज्य मण्डल परिसंघ-फिक्की की 93वीं वार्षिक आम बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक संकेतकों से नयी आशाएं जगी हैं और देश ने संकट के इस दौर में बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय देश के उद्यमियों, नौजवानों, किसानों और सभी आम भारतीयों को दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधारों के तहत अनावश्यक बाधाओं को दूर किया जा रहा है और कृषि क्षेत्र इसका एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण भारत में जबर्दस्त बदलाव हो रहे हैं और इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले कहीं अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि देश के आधे से अधिक स्टार्टअप्स दूसरी और तीसरे श्रेणी के शहरों में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आमदनी बढाने और उन्हें अधिक खुशहाल बनाने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत के किसान अपनी उपज को मंडियों के साथ-साथ उनके बाहर भी दे सकते हैं और डिजिटल मंच के जरिए भी कृषि पदार्थों की बिक्री की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बीच सीमाओं की आवश्यकता नहीं रह गई है और इसकी जगह इन क्षेत्रों में आपकी सम्पर्क कायम किया जा रहा है।