रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्‍ली में एरो इंडिया-21 के लिए योजनाओं की समीक्षा की।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्‍ली में एरो इंडिया-21 के लिए योजनाओं की समीक्षा की। रक्षा मंत्रालय ने रक्षा मंत्री को बताया कि प्रदर्शनी के लिए वर्तमान अंतर्राष्‍ट्रीय दिशा-निर्देशों की पुष्टि की गई है और यह प्रदर्शनी व्‍यवसाय पर केन्द्रित करने की योजना है। जनता जो आमतौर पर हवाई प्रदर्शन देखने के लिए उत्‍साहित रहती है, वह इस वर्ष वर्चुअल मोड में उसे देखेगी ताकि वैश्विक एएंडडी व्‍यवसायों के लिए लोगों के बीच सुरक्षित बातचीत हो सके और नए वर्ष में साझेदारी कायम हो सके।

इस प्रदर्शनी की ओर लोगों की काफी दिलचस्‍पी देखने को मिली है क्‍योंकि प्रदर्शनी स्‍थल की काफी जगह बिक चुकी है और प्रदर्शनी लगाने वाले 500 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। कोविड-19 के कारण उत्‍पन्‍न चुनौतियों को ध्‍यान में रखते हुए रक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि इस प्रदर्शनी को व्‍यावसायिक दिनों यानी केवल 3-5 फरवरी, 2021 को आयोजित किया जाए जिससे एरोस्‍पेस और रक्षा उद्योग की तरफ लोगों का खिंचाव हो जिसे लॉकडाउन और एम्‍बार्गों/प्रतिबंधों के कारण वर्ष 2020 में यात्रा संबंधी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

नई दिल्‍ली में विदेशी दूतावास के वरिष्‍ठ प्रतिनिधियों को अक्‍टूबर, 2020 की शुरुआत में एरो इंडिया-21 के बारे में जानकारी दे दी गई थीताकि उनके प्रमुखों और निर्णय लेने वाले वरिष्‍ठ लोगों की उपस्थिति को प्रोत्‍साहित किया जा सके और इसके बाद औपचारिक आमंत्रण दिए गए। एरो इंडिया-21 भारत के एरोस्‍पेस और रक्षा निर्माण क्षमता को प्रदर्शित करता है साथ ही रक्षा में अनेक नीतिगत पहल करते हुए भारत में निवेश का आग्रह करता है। स्‍वचालित मार्ग के जरिए प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया है। महामारी की अवधि 2020 के दौरान रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 भारत में सह-विकास और सह-उत्‍पादन के लिए निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से संशोधित ऑफसेट दिशा-निर्देश और रक्षा उत्‍पादन और निर्यात संवर्धन नीति 2020 (डीपीईपीपी 2020) का मसौदा तैयार किया गया।

रक्षा मंत्री ने एरोस्‍पेस और रक्षा उत्पादनके क्षेत्र में भारत के शीर्ष पांच देशों में रहने की प्रतिबद्धता को दोहराया। एरो इंडिया-21 भारत के मार्गदर्शकों के बीच मार्गदर्शक बने रहने का प्रतीक है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना का केन्‍द्र बिंदु है। भारत का एरोस्‍पेस और रक्षा क्षेत्र परिपक्‍व हो गया है और यह निरंतर मैत्रीपूर्ण देशों के साथ आपसी लाभकारी साझेदारी का पता लगा रहा है ताकि भारत और विश्‍व के लिए देश में निर्मित रक्षा उपकरण बनाने के लिए भारत में उद्योग स्‍थापित किए जा सकें।

रक्षा मंत्री ने भारतीय दूतावासों से आग्रह किया कि वह इस प्रदर्शनी के लिए समन्वित प्रयास करें और बाहर के देशों के प्रमुख लोगों व उद्योगपतियों से वरिष्‍ठ स्‍तर पर एरो इंडिया-21 में भाग लेने का अनुरोध करें ताकि भारत में उपलब्‍ध रणनीतिक और व्‍यावसायिक अवसरों को गहराई से अपनाया जा सके। रक्षा मंत्री ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि एरो इंडिया-21 आगे बढ़ने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करेगा और कोविड के बाद की दुनिया में हमारी ताकत को और मजबूत करेगा।