मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाई जाय। उन्होंने ऊर्जा विभाग के सभी निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने एवं राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था और सुदृढ़ करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली चोरी से संबंधित गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जाय। इसमें संलिप्त पाये जाने वालों पर सख्त कारवाई भी की जाय। विद्युत चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटरों की व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को बिजली खरीदनी न पड़े, इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। ऊर्जा विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ाने एवं महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाय। विद्युत हानि को कम करने पर विशेष फोकस किया जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में हाइड्रो एवं सोलर प्रोजेक्ट की अपार संभावनाएं हैं, इस ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। बैठक में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने कहा कि रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एल0ई0डी0 ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी हतोत्साहित करने हेतु ऊर्जागिरी अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही बिलिंग दक्षता में भी वृद्धि की जा रही है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की विभिन्न बहुद्देशीय परियोजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर सचिव एवं प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल डॉ. नीरज खेरवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।