🤖 “AI की तेज़ रफ्तार में इंसानियत न खो जाए” — देहरादून में जनसंपर्क दिवस पर गूंजा ज़िम्मेदार तकनीक का संदेश 🌐🧠

एआई के युग में भी ‘इंसानियत’ ही सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी: बंशीधर तिवारी 📢

देहरादून | तकनीक की चकाचौंध में कहीं हम इंसान होना तो नहीं भूल रहे?

इसी सवाल के इर्द-गिर्द सोमवार को राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के मौके पर देहरादून में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसका विषय था —

“Responsible Use of Artificial Intelligence: Role of Public Relations”

इस आयोजन ने मौजूदा डिजिटल युग में जनसंपर्क की भूमिका और एआई की जिम्मेदारी को केंद्र में रखा।

🪔 कार्यक्रम की शुरुआत:

कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जहां प्रमुख रूप से सूचना महानिदेशक और एम.डी.डी.ए. के उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी,

संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय, बद्रीकेदार मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल, और

पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि विजारनिया मंच पर उपस्थित रहे।


🧭 “AI टूल है, इंसान नहीं”: बंशीधर तिवारी

मुख्य अतिथि बंशीधर तिवारी ने कहा कि एआई की रफ्तार तेज़ है, लेकिन हमें दिशा खुद तय करनी होगी।

“तकनीक जितनी भी आगे बढ़ जाए, अगर हम मानवीय संवेदनाओं को न जिएं, तो उसकी गति व्यर्थ है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के बढ़ते प्रभाव को लेकर आगाह किया और कहा कि किसी भी सूचना को शेयर करने से पहले सत्यता

की जांच बेहद ज़रूरी है। “AI कंटेंट बना सकता है, लेकिन उसमें जीवन तभी आएगा जब हम अपने अनुभव और सोच को उसमें जोड़ें,”

उन्होंने जोड़ा।


💡 “तकनीक अवसर भी लाती है और चुनौतियाँ भी”: डॉ. नितिन उपाध्याय

विशेष अतिथि डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि जनसंपर्क के क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल केवल सहायक के रूप में हो — यह ज़रूरी है।

उन्होंने चेताया कि “हमें एआई पर निर्भर नहीं होना है, बल्कि अपनी खुद की क्षमताओं को बनाए रखना है।”


📰 “फेक न्यूज सबसे बड़ा खतरा”: अनुपम त्रिवेदी

न्यूज़18 के संपादक अनुपम त्रिवेदी ने एआई के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हुए कहा, “विज्ञान जितनी सुविधाएं देता है, उससे कहीं

अधिक सतर्कता की मांग करता है।” फेक न्यूज को उन्होंने लोकतंत्र और सामाजिक विश्वास के लिए बड़ा खतरा बताया।


❤️ “AI से सब मिल सकता है… बस इमोशन नहीं”: विजय थपलियाल

बीकेटीसी के सीईओ विजय थपलियाल ने भावुक होते हुए कहा कि “इमोशन सिर्फ इंसान के पास होता है, मशीनों के पास नहीं।” उन्होंने

एआई को एक टूल मानते हुए उसके साथ संतुलित तालमेल की बात कही।


🛠️ एआई टूल्स की जानकारी: आकाश शर्मा

तकनीकी विशेषज्ञ श्री आकाश शर्मा ने जनसंपर्क में इस्तेमाल हो सकने वाले एआई टूल्स जैसे ChatGPT, Canva AI, Google

Forms, SlidesAI, Hootsuite, और Talkwalker की जानकारी दी। उन्होंने साफ किया कि एआई कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक

साझेदार है — जो काम को और प्रभावशाली बनाता है।


👥 आयोजक और सहभागिता:

पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।

संचालन अनिल वर्मा ने किया।

इस मौके पर अनिल सती, सुरेश चंद्र भट्ट, सुधाकर भट्ट, वैभव गोयल, राकेश डोभाल, अजय डबराल,

सहित कई जनसंपर्क पेशेवर उपस्थित थे।