उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा 2025 को लेकर जारी किया बड़ा निर्देश।
सोमवार को वर्चुअल बैठक में उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और विभागीय सचिवों से स्पष्ट कहा —
“इस बार यात्रा न सिर्फ़ व्यवस्थित होनी चाहिए, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए यादगार भी बननी चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि चारधाम यात्रा केवल आस्था का विषय नहीं है,
बल्कि यह हज़ारों स्थानीय लोगों की आजीविका से भी जुड़ी है।
इसलिए सभी विभाग आपस में तालमेल बिठाकर बेहतर प्रबंधन करें।
खास तौर पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और यात्री सुविधाओं पर जोर दिया जाए।
इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
🌲 वनाग्नि पर चौकसी:
गर्मियों के मौसम में जंगलों में लगने वाली आग चिंता का विषय रही है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वन विभाग के साथ मिलकर
संवेदनशील इलाकों में जरूरी उपकरण और मोबाइल गश्त टीमें तैनात की जाएं।
साथ ही स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के कॉन्टैक्ट नंबर अपडेट रखें,
ताकि किसी भी आग की घटना पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
🚰 पेयजल की होगी व्यवस्था:
गर्मी में पानी की किल्लत एक आम समस्या होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल टैंकरों की पर्याप्त व्यवस्था हो और समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए।
जिलाधिकारी अपने-अपने स्तर पर बैठक कर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
🌧️ मानसून से पहले तैयारी पूरी:
आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बाढ़ सुरक्षा कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और जलभराव वाले
इलाकों में उपचारात्मक काम को तेज़ी से पूरा करने को कहा।
📢 जन शिकायतों पर हो त्वरित कार्रवाई:
जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान सरकार की प्राथमिकता होनी
चाहिए — यह संदेश भी मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर दिया।
उन्होंने तहसील दिवस, बीडीसी की बैठकों और बहुद्देशीय शिविरों के ज़रिए
योजनाओं का लाभ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने को कहा।
💡 ई-सेवाओं को बढ़ावा, लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई:
मुख्यमंत्री ने ज़ोर दिया कि अनावश्यक रूप से दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत न पड़े।
ई-सेवाओं के ज़रिए सुविधाएं दी जाएं।
काम में ढिलाई बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
साथ ही, स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और बिजली बिल से जुड़ी शिकायतों का तुरंत समाधान हो।
🚫 फर्जी दस्तावेज़ों पर सख्ती:
राज्य की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया —
“आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली-पानी कनेक्शन जैसी सुविधाएं यदि किसी अपात्र व्यक्ति को अनधिकृत रूप से दी गई हैं,
तो संबंधित कार्मिक को निलंबित कर उसकी सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए।”
बाहरी लोगों और संदिग्ध गतिविधियों पर भी सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
📋 मैदानी निरीक्षण और रिपोर्टिंग:
मुख्यमंत्री ने दोनों मंडलायुक्तों को निर्देश दिए कि वे खुद फील्ड में जाकर काम की स्थिति का निरीक्षण करें
और अगली समीक्षा बैठक से पहले पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपें।
इस अहम बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत,
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे और सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।