उत्तराखंड की पावन धरती एक बार फिर से भक्तिभाव से सराबोर होने को तैयार है। हिमालय की गोद में बसे चार धाम — बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री — श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए सज-संवर रहे हैं। लेकिन इस बार कुछ अलग है… मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में तैयारियों का ऐसा खाका खींचा गया है, जिससे यात्रियों को मिले श्रद्धा का सच्चा अनुभव और सुरक्षा का भरपूर भरोसा।
मुख्यमंत्री ने साफ-साफ शब्दों में कहा है — “यात्रा शुरू होने से पूरे एक हफ्ते पहले हर इंतज़ाम मुकम्मल हो जाएं!” उनका यह निर्देश केवल एक औपचारिक आदेश नहीं, बल्कि हर उस यात्री के दिल की चिंता का जवाब है जो हजारों किलोमीटर दूर से भगवान के दर्शन की आस में आता है।
तकनीक और सुरक्षा की नई मिसाल
यात्रा मार्गों में अब संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे तैनात होंगे, और ट्रैफिक वाले इलाकों की होगी रियल टाइम निगरानी। सोचिए, अब किसी जाम में फंसने से पहले ही आपको सोशल मीडिया पर अलर्ट मिल जाएगा! पुलिस और प्रशासन अपने-अपने ट्विटर और फेसबुक पेज पर मौसम और ट्रैफिक की हर अपडेट साझा करेंगे।
‘पहले रजिस्ट्रेशन, फिर दर्शन’ — मुख्यमंत्री की अपील
भक्तों से मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर अपील की है — बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा पर न आएं। इस बार 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है, ताकि किसी को असुविधा न हो। ये सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षा की पहली कड़ी है।
यात्रा मार्गों पर बदलाव की बयार
इस बार यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए होटल, धर्मशाला, और होमस्टे के पास ही पार्किंग बनाई जा रही है। साथ ही अस्थाई पार्किंग के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा संबल।
ड्रोन से निगरानी और पुलिस सहायता डेस्क से मिलेगी राहत
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी होगी, और हर यात्रा मार्ग पर पुलिस सहायता डेस्क श्रद्धालुओं की मदद के लिए हर समय तैयार रहेगा। दुर्घटना संभावित स्थानों पर विशेष इंतज़ाम और सड़क सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे।
48 लाख श्रद्धालु पिछले साल, इस बार तैयारियां और भी भव्य
डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि पिछले साल 48 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी। इस बार इस संख्या के और बढ़ने की उम्मीद है, और उसी के अनुसार 5850 पुलिस बल, 50 थाने, 79 चौकियां और 38 अस्थाई चौकियां लगाई जाएंगी। ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए 3 अलग-अलग प्लान तैयार किए गए हैं।
54 बॉटलनेक्स, 198 एक्सीडेंट स्पॉट और 66 लैंडस्लाइड ज़ोन की पहचान हो चुकी है और पहले से सुरक्षा के बंदोबस्त कर लिए गए हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार पार्किंग स्पॉट्स भी बढ़ाए गए हैं।
सरकार, श्रद्धालु और स्थानीय जनता — सबका साथ, सबका प्रयास
इस भव्य योजना की बैठक में कई बड़े अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार केवल ऊपर से आदेश नहीं दे रही, बल्कि ज़मीन से जुड़कर, स्थानीयों को साथ लेकर चल रही है।
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