“विज्ञान भवन में गूंजा नवकार महामंत्र: वैश्विक एकता के इस आध्यात्मिक समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी”

णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।

विज्ञान भवन में गूंजा नवकार महामंत्र, विश्वभर से जुटे श्रद्धालु, प्रधानमंत्री मोदी भी हुए भावविभोर

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बुधवार सुबह एक अद्भुत, आध्यात्मिक और प्रेरणादायी दृश्य देखने को मिला। सफेद वस्त्रों में सजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मंच पर आए और हजारों श्रद्धालुओं के साथ नवकार महामंत्र का जाप किया, तो पूरा माहौल एक गहरे आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।

9 अप्रैल की सुबह, बनी विश्व एकता और आत्मशुद्धि का प्रतीक

‘नवकार महामंत्र दिवस’ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा आध्यात्मिक संगम बन गया जहां 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ मिलकर सामूहिक मंत्रोच्चार किया। यह क्षण न केवल भारत के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए एक सांस्कृतिक पुल की तरह था — जहां राष्ट्र, भाषा और सीमाएं गौण हो गईं और आत्मिक एकता सर्वोपरि हो गई।

नवकार महामंत्र: केवल मंत्र नहीं, आत्मिक शुद्धि और सहिष्णुता का संदेश

जैन धर्म के सबसे पूजनीय मंत्र ‘नवकार महामंत्र’ के सामूहिक जाप के माध्यम से लोगों को अहिंसा, नम्रता, और आत्मिक उत्थान के मूलभूत सिद्धांतों की याद दिलाई गई। यह आयोजन हर व्यक्ति को अपने भीतर झांकने, क्रोध और स्वार्थ से परे जाकर आत्म-कल्याण की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

पीएम मोदी ने किया जाप का आह्वान, देशवासियों से जुड़ने की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट कर लोगों से 9 अप्रैल की सुबह 8:27 बजे सामूहिक मंत्र जाप करने की अपील की थी। उन्होंने लिखा,
“आइए, सब मिलकर नवकार महामंत्र का जाप करें… प्रत्येक आवाज शांति, शक्ति और सद्भाव लाए।”

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी हुए भावुक, कहा – “यह मंत्र मन की शांति का माध्यम है”

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी अपने संदेश में नवकार महामंत्र को अहिंसा और आत्मिक संतुलन का प्रतीक बताया और सभी देशवासियों से इस अवसर को आत्म-मंथन और शांति के दिन के रूप में मनाने का आग्रह किया।

महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर हुआ यह ऐतिहासिक आयोजन

महावीर जयंती से एक दिन पूर्व, इस आयोजन ने ना केवल धार्मिक श्रद्धा को सम्मान दिया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति की आत्मिक शक्ति का प्रदर्शन भी किया। यह संदेश स्पष्ट था — जब पूरी दुनिया साथ आती है, तो शांति, सहिष्णुता और भाईचारे का स्वर गूंजता है।