देहरादून | उत्तराखंड की घाटियों से उठती एक नई आवाज़ — “गांव से ग्लोबल तक होम स्टे” — सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
की अगुवाई में मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में गूंजा। यह सिर्फ एक संवाद नहीं था, बल्कि पहाड़ों की आत्मा, उनकी परंपरा और
संस्कृति को वैश्विक मंच देने की पहल थी।
मुख्यमंत्री ने होम स्टे संचालकों से सीधी बातचीत कर न सिर्फ उनकी बात सुनी, बल्कि आश्वासन भी दिया कि उनके सुझावों को आगामी नीति में
गंभीरता से शामिल किया जाएगा।
🏞️ “गांवों में बसती है असली उत्तराखंड की आत्मा”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “होम स्टे सिर्फ पर्यटकों के लिए ठहरने की जगह नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, खानपान, पहनावे और जीवनशैली का
जीवंत परिचय है।” उन्होंने बताया कि 5000 से अधिक परिवारों ने अपने घरों को पर्यटकों के लिए खोला है, और यही लोग अब राज्य के
ब्रांड एंबेसडर हैं।
👣 स्थानीय से वैश्विक की ओर क़दम
राज्य सरकार ने ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच
देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। स्टेट मिलेट मिशन से उत्तराखंड के मंडुवा, झंगोरा जैसे उत्पाद अब देशभर में पहचान बना रहे हैं।
🛕 तीर्थाटन और पर्यटन बन रहे हैं अर्थव्यवस्था के स्तंभ
पर्यटन के विविध रूपों जैसे धार्मिक, ईको, वेलनेस, एग्रो और फिल्म टूरिज्म को राज्य में नई ऊर्जा मिली है। मानसखंड कॉरिडोर योजना के
तहत कुमाऊं के धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है, और फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस से लेकर
सब्सिडी तक दी जा रही है।
🎬 उत्तराखंड को “मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट” का अवॉर्ड
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने राज्य के चार गांवों — जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी — को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम सम्मान से नवाज़ा है। यह इस बात
का प्रमाण है कि उत्तराखंड न सिर्फ दिखने में सुंदर है, बल्कि रहने और अनुभव करने लायक भी है।
🤝 सुनवाई, सुझाव और समाधान
कार्यक्रम में शामिल 317 होम स्टे संचालकों को वित्तीय और प्रबंधन प्रशिक्षण दिया गया है, और 2025-26 में यह हर ज़िले में लागू किया
जाएगा। एक स्टेट टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है जिसमें पर्यटन, पंचायती राज, ग्राम्य विकास और स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं।
🧩 होम स्टे संचालकों के सुझाव – ज़मीन से जुड़े, दूरदर्शी सोच के साथ
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नम्रता कंडवाल (पौड़ी): रजिस्ट्रेशन की सुविधा ब्लॉक स्तर पर हो।
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दीपक बिष्ट (मुक्तेश्वर): लोन प्रक्रिया सरल बनाई जाए।
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नरेंद्र सिंह बिष्ट (चमोली): होम स्टे को सड़क से जोड़ा जाए, प्लास्टिक प्रबंधन हो।
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विक्की रावत (लैंसडाउन): सस्टेनेबल आर्किटेक्चर को बढ़ावा मिले, सुरक्षा सुनिश्चित हो।
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अखिल पंत (उत्तरकाशी): जागरूकता अभियान गांवों में चलाया जाए, वर्कशॉप भी होम स्टे में हों।
🧓 सियासी और प्रशासनिक समर्थन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और गणेश जोशी, विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल तथा सचिव श्री सचिन कुर्वे ने कार्यक्रम में भाग लिया
और इसे ग्रामीण पर्यटन की क्रांति की दिशा में मील का पत्थर बताया।