हरिद्वार में एक खास दिन था – जब पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि तकनीक और संस्कार के संगम का उत्सव बन गई।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2025 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक नहीं, कई ऐसी घोषणाएं कीं, जो आने वाले समय में बच्चों की पढ़ाई का तरीका ही बदल देंगी।
🎉 नए भवन और 4 स्मार्ट क्लास का उद्घाटन हुआ, लेकिन यह महज़ ईंट और सीमेंट की बातें नहीं थीं। मुख्यमंत्री ने जब बच्चों को सम्मानित किया,
तो उनके चेहरों पर दिखती मुस्कानें साफ बता रही थीं कि ये सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि उनके सपनों की उड़ान को मिली एक नई पहचान है।
मुख्यमंत्री ने बड़े गर्व के साथ कहा – “आज उत्तराखंड के बच्चों को वही सुविधाएं मिल रही हैं जो किसी भी बड़े शहर के स्कूल में मिलती हैं।” और यह कोई दावा भर नहीं था, क्योंकि…
✅ राज्य के 13 जिलों के 500 स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम की शुरुआत हो चुकी है।
✅ ‘लैब ऑन व्हील्स’ यानी मोबाइल साइंस लैब ने विज्ञान को बच्चों के घर तक पहुंचा दिया है।
✅ कक्षा 1 से 12 तक निशुल्क किताबें, और छोटे बच्चों को जूते-बैग तक मुफ्त में दिए जा रहे हैं।
विद्या भारती के योगदान की चर्चा करते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि आज देशभर में 12,000 से अधिक विद्यालयों में
35 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं – और ये स्कूल सिर्फ पढ़ाई नहीं सिखाते, ये संस्कार, संस्कृति और सेवा का पाठ भी पढ़ाते हैं।
💪 नकल विरोधी कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने साफ कहा – “अब कोई मेहनती बच्चा किसी नकल
माफिया की भेंट नहीं चढ़ेगा।” और इसका असर भी दिखा – पिछले 3 साल में 22,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी मिली, और एक भी पेपर लीक नहीं हुआ।
🏅 खेलों में भी क्रांति, खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति, मुफ्त ट्रेनिंग और यहां तक कि राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने पर सरकारी नौकरी भी दी जा रही है।
हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से ज्यादा मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
आख़िर में मुख्यमंत्री का संदेश सीधा और सच्चा था – “समय का सदुपयोग करें, क्योंकि बीता वक्त वापस नहीं आता।” उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की – मेहनत करें, सपने देखें और उन्हें सच कर दिखाएं।
✨ इस समारोह में आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र से लेकर, स्थानीय विधायक, नगर निगम महापौर और कई अधिकारी भी मौजूद रहे – सभी की आंखों में गर्व और उम्मीद की चमक थी।
Uttarakhand Smart Class Education Reform